लड़का लडकी एक समान,
क्या इसमे सत्यता रत्ती समान,
बचपन में माता पिता ने किया न अंतर कोई ,
भाव दिया सदैव एक समान,
ज्यों-ज्यों उम्र ने प्रभाव दिखाना किया जारी,
और बुधि ने कम किया भारी,
स्वत: ही आने लगा समझ में,
लड़का लडकी कभी न एक समान,
धीरे धीरे ये अंतर की खाई,
गहराई समुद्र समान,
तभी एक दिन सामने आये जीवन की दूसरी सच्चाई ,
जो सामने खडी थी लिए एक परिवेश नया,
एक नया माहौल,
और कई विचार जो की थे समान और असमान,
पर हमारे समाज में लड़के सदैव अपने मन के राजा समान
और में क्या?
सचमुच क्या?
क्या एक निर्जीव वस्तु समान!!!
कहते हैं बदल गया समाज ,
अब लड़का लडकी एक समान,
लेकिन लड़का लडकी कभी न एक समान,
सदैव रहे असमान,
पर क्या आएगा कोई दिन ऐसा,
जो शायद हो दूसरे स्वतंत्रता दिवस समान,
जिस दिन साथक हो ये शब्द स्वर्णाक्षर समान ,
कि लड़का लडकी एक समान !!!
मन के भावों को शब्द देने का प्रशंसनीय प्रयास - मुझे लगता है सोच बदल रही है और वो दिन दूर नहीं जब कुछ के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए लड़का लड़की एक सामान होंगे - शुभ आशीष
ReplyDeleteलेखन अपने आप में ऐतिहासिक रचनात्मक कायर् है। आशा है कि आप इसे लगातार आगे बढाने को समपिर्त रहें। शानदार पेशकश।
ReplyDeleteडॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
098285-02666
प्रोत्साहन के लिए आपका धन्यवाद..बस कभी-कभी मन की भावनाओं को शब्दों में पिरोने का प्रयास करते हूँ.
ReplyDeletegood
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
ReplyDeletehttp://najariya.blogspot.com/
आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete