Thursday, February 17, 2011

लड़का लडकी दोनों, एक सिक्के के दो पहलू जैसे

लड़का लडकी दोनों,
एक सिक्के के दो पहलू जैसे !!

या फिर दोनों,
दिन-रात जैसे !!

जैसे जब रात हो तभी दिन होगा,
एक के बिना दूसरा अधूरा होगा!!

दोनों एक विधाता की कृतियाँ,
प्रदान की गयी जिनको अलग अलग छवियाँ !!

कैसे कोई किसी पे आक्षेप लगाये,
कि उसमे हैं कमियां!!

शायद होती होंगी सबकी अपनी कमियां,
या मिली होंगे अलग अलग शक्तियां!!

लड़का लडकी दोनों,
सदैव रहे अतुलनीय जैसे!!

दोनों सिक्के के दो पहलू जैसे,
दिन रात न हो सकता जैसे!!

लड़का न लडकी हो सकता वैसे,
फिर लडकी लड़का हो सकती कैसे!!

दिन रात दोनों का होना जरुरी जैसे,
लड़का लडकी दोनों का होना जरुरी वैसे!!

लड़का लडकी दोनों,
एक सिक्के के दो पहलू जैसे !!

11 comments:

  1. दो करके देखने का पूर्वाग्रह क्‍यों ?
    इंसान, शब्‍द में स्त्री भी होती है और पुरूष भी।
    कुछ स्‍ि‍त्रयां पुरूष प्रकृति‍ की होती है, कुछ पुरूष्‍ा स्‍ि‍त्रयों जैसे होते हैं। सभी कि‍न्‍नर, स्‍त्रैण स्‍वभाव के नहीं होते, ना ही पुरूष स्‍वभाव के।

    ReplyDelete
  2. दो कर के देखने का पूर्वाग्रह इसलिए क्यूँ सामान्य रूप से ऐसा ही होता है..शायद आपने इस से पहले की दो कवितायेँ नहीं पढ़ीं..उन्हे पढ़ के देखे..

    ReplyDelete
  3. बहुत खूब ...अच्छी कोशिश की है आपने ...आशा है ऐसे ही आगे भी लिखती रहेंगी ....

    ReplyDelete
  4. आपने अपने ब्लॉग के नाम के साथ www क्यों लगाया? जबकि यह नाम बिना www के भी उपलब्ध है. आप बिना www के भी अपने ब्लॉग का नाम रजिस्टर करा लीजिए वर्ना कोई और करा लेगा.

    ReplyDelete
  5. लड़का लडकी दोनों,
    एक सिक्के के दो पहलू जैसे !!

    बिलकुल सही कहा आपने... अपने जज्बातों को इस बेहद खूबसूरत रचना के माध्यम से व्यक्त किया है आपने... बेहतरीन!!

    ReplyDelete
  6. अच्छी प्रस्तुति है । आप अपना प्रयास बनाये रखिये । शुभकामनाएँ...

    ReplyDelete
  7. प्रिय उ द् गा र
    सस्नेहाभिवादन !

    सराहनीय काव्य प्रयास है … लेकिन ज़्यादा जमा नहीं … और बेहतर लेखन के लिए शुभकामनाएं हैं …

    सृजन उत्साह भरी निष्ठा से होना चाहिए !

    ♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
    बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  8. बिलकुल सही कहा आपने... अच्छी प्रस्तुति है

    ReplyDelete
  9. धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

    ReplyDelete