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Tuesday, August 16, 2011

महात्मा गाँधी के देश में अनशन का अधिकार नहीं,


महात्मा गाँधी के देश में अनशन का अधिकार नहीं,
कैसा स्वतत्रंता  दिवस और किसका स्वत्रंता दिवस?
जहाँ आम आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार नहीं!!

कैसा १५ अगस्त और कैसी २६ जनवरी ?
कैसा लोकत्रंत है और किसका लोकत्रंत ?
जहाँ आम आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार नहीं!!

सरे आम  हुई लोकत्रंत की हत्या , हो के अन्ना की गिरफ़्तारी
लोकत्रंत का यहाँ सम्मान नहीं,
महात्मा गाँधी के देश में अनशन का अधिकार नहीं!!

शहीदों ने की थी आजादी की कामना,
अपने लोगों की गुलामी को किया था बलिदान नहीं,
महात्मा गाँधी के देश में अनशन का अधिकार नहीं!!

माफ़ करना तुम  इस देश की जनता को,तुम्हारा सपना रहा अधूरा,
आजादी का हुआ सम्मान नहीं,
मिली  स्वत्रंता ऐसी जहाँ आम आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार नहीं!!

देश बन गया भ्रष्टाचार का भंडार,स्वत्रंतता अ यहाँ नाम नहीं 
नेता घूम रहे खुले आम लिए घोटालों का भंडार
वहीँ आम आदमी कोजीने का अधिकार  नहीं!!

 स्विस बैंक में नेताओं के  नोटों का भंडार,
आम आदमी के पास  खाने  को अनाज  नहीं,
महात्मा गाँधी के देश में अनशन का अधिकार नहीं!!
     
अन्ना हमको पूरी आजादी दिलाओ जो शहीदों ने चाही, 
जहाँ आम आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार मिले 
वर्ना हमको जीने का अधिकार नहीं!!